Monday, April 3, 2017
लिंग * संज्ञा के उस रुप को लिंग कहते हैं, जिसके व्दारा वाचक शब्दों की जाति का बोध होता है। * लिंग के भेद हिंदी में केवल दो लिंग होते हैं १, पुल्लिंग २, स्त्रीलिंग १, पुल्लिंग:----- जो संज्ञा पद पुरुष वर्ग के वाचक होते हैं, उन्हें पुल्लिंग कहते हैं। जैसे:--- लडका, आदमी, घोडा, शेर, बकरा, राजा आदि । २, स्त्रीलिंग:----- जो संज्ञा पद स्त्री वर्ग के वाचक होते हैं,उन्हें स्त्रीलिंग कहते हैं जैसे:---- लडकी, औरत, घोडी, शेरनी, बकरी, रानी आदि । * पुल्लिंग से स्त्रीलिंग बनाने के नियम * १, सम्बन्धवाचक तथा प्राणिवाचक आकारान्त पुल्लिंग --- संज्ञा ओं के अन्त में ' ई ' लगाकर अथवा ' अ ' या ' आ ' के स्थान पर ' ई ' कर देने से स्त्रीलिंग पद बन जाते हैं। सम्बन्धवाचक शब्द पुल्लिंग ----- स्त्रीलिंग चाचा ----- चाची मामा ----- मामी काका ----- काकी साला ------- साली प्राणिवाचक शब्द पुल्लिंग ---------- स्त्रीलिंग पुत्र ------ पुत्री नट ------- नटी दास ------ दासी बकरा ---- बकरी २, कुछ आकारान्त पुल्लिंग संज्ञा ओं के अन्त में ' इया ' लगा देने से स्त्रीलिंग पद बन जाते हैं। जैसे:---- बूढा ------ बुढिया बेटा ------- बेटिया कुत्ता ------- कुतिया चूहा -------- चुहिया ३, कुछ प्राणिवाचक संज्ञा ओं के अन्त में ' इन ' लगा देने से स्त्रीलिंग पद बन जाते हैं । जैसे:----- साँप ------ साँपिन बाघ ------- बाघिन नाग ------- नागिन नाती -------- नातिन ४, किसी व्यवसाय अथवा पेशे का बोध कराने वाली पुल्लिंग संज्ञा ओं के अन्त में भी 'इन ' लगा देने से स्त्रीलिंग पद बन जाते हैं। जैसे:----- माली ------- मालिन नाई ---------- नाइन चमार -------- चमारिन लुहार --------- लुहारिन ५, कुछ प्राणिवाचक पुल्लिंग संज्ञा ओं के अन्त में ' नी ' जोड देने से भी स्त्रीलिंग पद बन जाते हैं। जैसे:--- सिंह ------- सिंहनी शेर --------- शेरनी ऊँट ------- ऊँटनी मोर ------- मोरनी ६, कुछ पुल्लिंग संज्ञा ओं के अन्त में ' आनी ' जोड देने से स्त्रीलिंग पद बन जाते हैं। जैसे:------ सेठ ------- सेठानी चौधरी ----- चौधरानी देवर -------- देवरानी नौकर ------ नौकरानी ७, कुछ पुल्लिंग संज्ञा ओं के अन्त में ' आइन ' जोड देने से स्त्रीलिंग पद बन जाते हैं। जैसे:------ पंडित ------ पंडिताइन ठाकुर ----- ठाकुराइन चौधरी ----- चौधराइन ८, कुछ पुल्लिंग संज्ञा ओं के स्त्रीलिंग पद पूर्णतया भिन्न होते हैं। जैसे:--- पुरुष ------ स्त्री मर्द------- औरत पिता ---- माता बाप ------ माँ ९, कुछ पुल्लिंग संज्ञा ओं के पहले 'मादा ' लगाकर स्त्रीलिंग पद बनाये जाते हैं। जैसे:---. भालू -------- मादा भालू भेडिया ----- मादा भेडिया खरगोश------ मादा खरगोश १०, कुछ स्त्रीलिंग संज्ञा ओं के पहले '' नर '' लगाकर पुल्लिंग पद भी बनाये जाते हैं। जैसे:---- मछली ------ नर मछली छिपकली ------ नर छिपकली चील ------------ नर चील ११, कुछ स्त्रीलिंग संज्ञा ओं के आगे '' आ '' जोडकर भी पुल्लिंग पद बना लिये जाते हैं। जैसे:---- भैंस -------भैंसा भेड़ ------- भेडा मौसी ------ मौसा जीजी ------ जीजा ----- अजय
कारक * संज्ञा और सर्वनाम का संबंध वाक्य के अन्य शब्द के साथ प्रकाशित होता है तो उसे कारक कहते हैं। उदा : रामू ने लकडी से बिल्ली को मारा। इस वाक्य में रामू , लकडी , बिल्ली संज्ञा शब्द हैं। मारा क्रिया शब्द है।संज्ञा शब्द क्रिया से संबंध स्थापना करने के लिए ने, से, को प्रत्यय लगाए गए है।इनको विभक्तिया कहते हैं। हिंदी में आठ कारक और आठ विभक्ति मां हैं 1, कर्ता कारक ---------- ने 2, कर्मा कारक ---------- को 3, करण कारक --------- से 4, संप्रदान कारक -------- को, के लिए, के वास्ते 5,आपादान कारक ------- से 6, संबंध कारक ----------- का, के, की 7, अधिकरण कारक ------ में, पर 8, संबोधन कारक ---------- हे, अरे ओ
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